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नाग पंचमी कब है 2023 क्यों मनाई जाती है, पौराणिक कथा और महत्व

नाग पंचमी कब है

नाग पंचमी कब है, नाग पंचमी 2023 को कब और क्यों माना जाता है, पौराणिक कथा और महत्व प्राचीन समय से ही नाग को एक देवता के रूप में पूजा होती आ रही है। भगवान श्री विष्णु जी की शैय्या और भगवान शिव के गले का आभूषण भी नाग ही है। वहीं भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाने वाले श्री कृष्ण का भी कालिया नाग से संबंध है। किसकी कथा के बारे में भी आपको आगे सब्सक्राइब करते हैं। नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए और उसके बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए बहुत उत्तम दिन है। इस दिन खुदाई जैसे कार्यों से बचें। इस दिन लोगों द्वारा व्रत भी किया जाता है। इस त्योहार का व्रत लिंग-विशिष्ठ नहीं है, इसे कोई भी अपनी चिंता नहीं रख सकता है। वेदों के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और ऋषि कश्यप के कद्रू नाम की पत्नी से नागों की रचना हुई थी।


पुराणों के अनुसार दिव्य और भौम दो प्रकार के नाग होते हैं। जिनमें भौम उन नागों को कहा जाता है जो पृथ्वी पर जन्म लेते हैं और उनके 80 प्रकार के होते हैं। वही दिव्य नाग ऐसे नाग होते हैं जिससे यह पृथ्वी चल रही है। यदि यह क्रोधित हो जाए। तो अपनी दृष्टि मात्र से ही संपूर्ण संसार को दग्ध करने की शक्ति रखते हैं। इन विषों का कोई तोड़ नहीं है। सभी नागों में आठ नाग ऐसे हैं जिनको सभी से श्रेष्ठ माना जाता है और इन नागों को दो-दो करके चार सन्निहित ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र में जाग्रत किया जाता है। इन नागों के नाम इस प्रकार से हैं। और भगवान शिव के भी 108 नाम थे।

  • अनन्त नाग
  • कुल नाग
  • वासुकि नाग
  • शंखपाल नाग
  • तक्षक नाग
  • महापद्म नाग
  • पदम नाग
  • कर्कोटक नाग


नाग पंचमी 2023 कब है? (नाग पंचमी 2023 कब है)
हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का उत्सव श्रावण मास में शुक्ल पक्ष के आने वाली पंचमी का दिन आता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार नाग देवता को पंचमी तिथि का अधिकार प्राप्त है। लेकिन भारत के कुछ राज्यों में चैत्र एवं भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पंचमी को भी नाग पंचमी की तरह या नाग पंचमीर मानक मनाया जाता है।

जानिए नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? (नाग पंचमी क्यों मनया जाता है)

नाग पंचमी का दिन नाग देवता जी को समर्पित है। इसके आर्शीवाद की प्राप्ति के लिए इस दिन को मनाया जाता है। कालसर्प दोष कई प्रकार का होता है। लेकिन इस दोष के बुरे प्रभाव से मनुष्य जीवन में छाया ही रहता है। इस दोष से मुक्त होने के लिए ज्योतिषि इस दिन श्रेष्ठतम अंक हैं। इसलिए इस दोष से पीड़ित जातक इस दिन विशेष पूजा कर इस दिन को मनाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन ही श्री श्री कृष्ण ने कालिया नाग को बीट किया था। उनकी विजय के रूप में भी इस दिन को मनाया जाता है।

नाग पंचमी कब है

साल 2023 की नाग पंचमी मुहूर्त (नाग पंचमी शुभ मुहूर्त 2023 )


साल 2023 में नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त को सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन पंचमी तिथि को ध्यान में रखते हुए नागव्रत का पालन करना चाहिए। इस साल नाग पंचमी की पूजा अवधि 2 घंटे
2 मिनट रुकें। इस समय में पूजा को विशेष माना जाता है। पूरे साल में पंचमी के दिन ही योजनाओं और नक्षत्रों आदि की अवस्था से बनी संरचना से यह योग बनता है।


नाग पंचमी के दिन की जाने वाली पूजा का मुहूर्त सोमवार सुबह 5 बजकर 52 मिनट पर शुरू होने वाली 8 बजकर 2
मिनटों पर समाप्त हो जाएगा।
पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 को 12:21 पूर्वाह्न – 22 अगस्त 2023 को 02:00 पूर्वाह्न इस तिथि का समापन होगा।
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नाग पंचमी 2023 को कब और क्यों माना जाता है, पौराणिक कथा और महत्व


प्राचीन समय से ही नाग को एक देवता के रूप में पूजा होती आ रही है। भगवान श्री विष्णु जी की शैय्या और भगवान शिव के गले का आभूषण भी नाग ही है। वहीं भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाने वाले श्री कृष्ण का भी कालिया नाग से संबंध है। किसकी कथा के बारे में भी आपको आगे सब्सक्राइब करते हैं। नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए और उसके बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए बहुत उत्तम दिन है। इस दिन खुदाई जैसे कार्यों से बचें। इस दिन लोगों द्वारा व्रत भी किया जाता है। इस त्योहार का व्रत लिंग-विशिष्ठ नहीं है, इसे कोई भी अपनी चिंता नहीं रख सकता है। वेदों के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और ऋषि कश्यप के कद्रू नाम की पत्नी से नागों की रचना हुई थी।


पुराणों के अनुसार दिव्य और भौम दो प्रकार के नाग होते हैं। जिनमें भौम उन नागों को कहा जाता है जो पृथ्वी पर जन्म लेते हैं और उनके 80 प्रकार के होते हैं। वही दिव्य नाग ऐसे नाग होते हैं जिससे यह पृथ्वी चल रही है। यदि यह क्रोधित हो जाए। तो अपनी दृष्टि मात्र से ही संपूर्ण संसार को दग्ध करने की शक्ति रखते हैं। इन विषों का कोई तोड़ नहीं है। सभी नागों में आठ नाग ऐसे हैं जिनको सभी से श्रेष्ठ माना जाता है और इन नागों को दो-दो करके चार सन्निहित ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र में जाग्रत किया जाता है। इन नागों के नाम इस प्रकार से हैं। और भगवान शिव के भी 108 नाम थे।

  • अनन्त नाग
  • कुल नाग
  • वासुकि नाग
  • शंखपाल नाग
  • तक्षक नाग
  • महापद्म नाग
  • पदम नाग
  • कर्कोटक नाग

नाग पंचमी 2023 कब है? नाग पंचमी 2023 कब है

हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का उत्सव श्रावण मास में शुक्ल पक्ष के आने वाली पंचमी का दिन आता है। ज्योतिष शास्त्रों क